LENS
लेंस की सतह प्राय: गोलीय (spherical) होती है, परंतु आवश्यकतानुसार बेलनाकर, या अगोली लेंस भी प्रयुक्त होते हैं। आँख के क्रिस्टलीय लेंस ही एकमात्र प्राकृतिक लेंस है। हजारों वर्ष पहले भी लोग लेंस के विषय में जानते थे और माइसनर (Meissner) के अनुसार प्राचीन काल में भी चश्मे से लाभ उठाया जाता था। चश्में के अलावा प्रकाशविज्ञान में लेंस का उपयोग दूरदर्शी, सूक्ष्मदर्शी, प्रकाशस्तंभ, द्विनेत्री (बाइनॉक्युलर) इत्यादि में होता है।
लेंस का उपयोग प्रकाश को फोकस करने के लिये किया जा सकता है
वर्गीकरण
लेंस को मुख्य रूप से दो वर्गों में विभाजित किया जाता है,
- उत्तल लेंस (convex lens)
- अवतल लेंस (concave lens)
लेंस के उपयोग
- प्रकाशीय यंत्रों (कैमरा, दूरदर्शी, सूक्ष्मदर्शी आदि) में
- आँख के चश्मों में
- प्रकाश को अभिकेन्द्रित करने के लिये
Lensmaker's equation
किसी लेंस की फोकस दूरी निम्नलिखित सूत्र से निकाली जा सकती है। इस सूत्र को Lensmaker's equation कहते हैं।
जहाँ
- लेंस की फोकस दूरी है।
- लेंस के पदार्थ की अपवर्तन गुणांक (refractive index) है।
- प्रकाश के स्रोत के निकट वाले लेंस के तल की वक्रता त्रिज्या (radius of curvature),
- प्रकाश के स्रोत से दूर वाले लेंस के तल की वक्रता त्रिज्या (radius of curvature),
- लेंस की मोटाई
पतले लेंसों के लिये समीकरण
यदि d का मान R1 और R2 की तुलना में छोटा हो तो इसे 'पतला लेंस कहेंगे। इसके लिये फोकस दूरी का सूत्र इस प्रकार होगा (लगभग)
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